पालि भाषा एवं साहित्य के विकास में अनुवाद की भूमिका
Abstract
भाषा एक मानवी जीवन का अनिवार्य और अंगभूत घटक हैं। वो भाषा ही हैं जो मनुष्य के जीवन में व्यवहार के लिए और जीवन जीने के लिए एक मात्र माध्यम है। अपितु भाषा आज के मनुष्य के लिए एक जीव ही समझा जा चुका है। मनुष्य अपनी भाषा के माध्यम से अपना विचार, अपनी भावना अपनोंसे प्रकट करता है। चाहे वो भाषा किसी भी तरह की क्यों ना हो, अगर वो एक दूसरे के समझ में आए तो कुछ कठीनाइयॉ नही होती। लेकिन जब दो अलग-अलग भाषाऍं एक दूसरे के संपर्क में आए तो उन भाषाओं का ज्ञान, विचार एक दूसरे के समझ में नही आते। उस समय संपर्क में आए भाषा का ज्ञान होना आवश्यक होता है। आज इस आधुनिक युग में अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान लेकर, भाषा समझने का मनुष्य प्रयास कर रहा है। आधुनिक भाषाओं के साथ-साथ मनुष्य प्राचिन भाषाओं का भी अभ्यास कर रहा हैं। ऊन प्राचिन भाषाओं में पालि भाषा एक महत्वपूर्ण भाषा है, जिसमें मानवी कल्याण का बुध्दोपदेस और धम्म का मार्ग हैं। जो आज के वर्तमान स्थिती में आवश्यक हैं। लेकिन प्राचिन पालि भाषा का ज्ञान होने के लिए सही और योग्य अनुवाद होना अतिआवश्यक हैं। उस बारे इस प्रबंध के माध्यम से पालि भाषा अनुवाद की भूमिका स्पष्ट करने का प्रयास किया हैं।